मैंने कोशिश की तो थी
तुम्हें बताने की
लेकिन तब तक
तुम अपनी लम्बी यात्रा पर निकल चुकी थी.
उस दिन दरवाज़े तक आ गया था पानी
हमें बाहर निकलने के लिये पुल चाहिए था
लेकिन तुमने बालों की क्लिप निकाल कर
नाव बनाई और
उस पार निकल गई
बालों के खुलने पर बवंडर भी आया
और
और
उस पार जाकर भी तुमने
बाँधा नहीं बालों को
मै टापू बना
बवंडर का सामना करता रहा.
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चिन्मय
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चिन्मय
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