शनिवार, 9 जून 2018

डब्बू अंकल एंड बॉलीवुड

डब्बू अंकल एंड बॉलीवुड

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बीते जमाने के एक हीरो के आमंत्रण पर डब्बू अंकल ऐरोप्लेन से मुम्बई पधारे। इस हीरो को भी आखिरकार MP के पॉलिटिशियन्स की तरह VDV(viral dance video) स्टार डब्बू अंकल का सहारा लेना पड़ा ताकि खड्डे में पड़ा उसका फ़िल्मी कैरियर डब्बू नामकी रस्सी के सहारे बाहर आ सके। डब्बू अंकल के आते ही जुहू के उन बंगलों के बाहर भी ट्रैफिक जाम होने लगा जिनमें बहुत पुराने जमाने के हीरो रहते हैं और उनके लॉन मे चिड़िया भी बीट करने नही आती। ये सब इस चहलकदमी से खुश हैं। इन्हें लग रहा है कि इनकी किस्मत बदलने के लिए किसी नए डांसर बाबा का अवतरण हुआ है। भाड़े पर दी गयी प्रॉपर्टी से घरखर्च चलाने वाले और झुर्रियों भरा चेहरा लेकर अभी भी हीरो बनने का ख्वाब देखने वाले इन बहुत पुराने जमाने के हीरोज़ को कौन समझाये की जमाना अब हीरो का नही VDV स्टार का है।

FB न्यूजफीड पे डब्बू अंकल के बम्बई लैंडिंग की खबर सुनते ही लाखों की तादाद में मौजूद स्ट्रगलर्स को अपनी रोज़ी रोटी की चिंता सताने लगी है। इन्हें लगता है कि जनसंख्या में हुई इस अस्वाभाविक वृद्धि से उनके रोज़ के दारू मुर्गे में बेतहाशा कमी पैदा हो जाएगी। कुछ को तो चिंता के मारे मिर्गी के दौरे पड़ गए है, कुछ को जूता सुंघा कर होश में लाना पड़ा है। कोलीवाड़ा में दो-दो हाथ के कमरों में सदियों से रह रहे कुछ एक्टर तंग, बदबूदार, मच्छी-मुर्गे के मांस और गंदगी से बजबजाती गलियों से निकल कर वर्सोवा बीच पहुच गए हैं। इनका मानना है कि डब्बू अंकल की बॉलीवुड एंट्री ने उनके सपनों पर ग्रहण लगा दिया है। इसलिए अब उनके पास गंदगी से भरपूर इस कॉस्मोपॉलिटन दरिया मे अपने सपने को सुसाइड कराने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। इनमे से कुछ मरियल सिर्फ वड़ापाव के बल पर सालों से जिंदा है। पर्याप्त न्यूट्रिशन के बिना ज़िंदा रह कर इन लोगों ने मेडिकल साइंस को अचम्भे में डाल रक्खा है। इनसे गिरती सेहत के बारे में पूछने पर जवाब मिलता है कि जनाब एक फ़िल्म के लिए रोल प्रिपेयर कर रहे हैं। अरे ऐसा कौन सा रोल जिसकी प्रिपरेशन दस साल चलती है और ये बक*** अपना जीना मरना भूल सिर्फ उसी में लगा है।

कई बार तो इन्हें देख ऐसा लगता है कि ये अभी-अभी हेल हिटलर के यातना कैम्प से निकल कर बाहर आये है। कोलीवाड़ा के लोगों को इनके लिए सरकार से एक आंगनवाड़ी केंद्र खोलने की मांग करनी चाहिए, ताकि इन्हें दोनों वक़्त वडापाव की बजाय पर्याप्त मात्रा में पोषित आहार मिले और ये दुनिया के सबसे स्वस्थ और स्वच्छ देश के ऊपर कुपोषित होने का धब्बा न लगा पाएं। इन्हें देख मुझे कई बार खुद के ऊपर भ्रम होने लगता है लेकिन ये लोग न जाने किस फौलाद के बने है कि दशको की मुफलिसी भी मार ना पाई। इतनी गरीबी तो कालाहांडी में कई पीढ़ियाँ खा जाती है। इतना स्ट्रगल UPSC की परीक्षा में कर लोग IAS बन जाते है। और वो भी नही तो कम से कम अपने शहरों के छोटे-मोटे स्टीव जॉब्स तो हो ही जाते हैं।

खैर इतने सालों से इस शहर और इन एक्टरों के बीच रहने के बाद एक बात तो मुझे अच्छे से समझ मे आ गयी है कि इनकी इस दुर्दशा के पीछे कुछ खास लोगों का हाथ है। इन खास लोगों में से मैं सबके नाम नही ले पाऊंगा क्योंकि कुछ परलोकवासी हो गए है और परलोकवासियों से मुझे बहुत डर लगता है। न जाने कब ये अपनी अलौकिक शक्तियों का प्रयोग कर मेरे दस साल पुराने लैपटॉप की हार्डडिस्क उड़ा दें, जिसमे मुझे अमर बनाने वाली अनगिनत कहानियां सेव हैं। इसलिए मैं सिर्फ उन खास लोगो के नाम लूंगा जो ज़िंदा है। क्योंकि इस मायावी शहर में एक मच्छर भी खास लोगों को उनकी औकात दिखा देता है। यहां अब लोग भाई से नहीं मच्छरों से डरते हैं इसलिए मैं भी अब खुद को मच्छर मानकर उन खास लोगों के नाम लेता हूँ जिनकी वजह से इस शहर में लाखों की तादाद में मौजूद एक्टरों का बेड़ा गर्क हुआ है।

सबसे पहले तो बच्चन साब, नवाज़ुद्दीन, कंगना, अनुष्का, प्रियंका और राजकुमार राव सरीखे एक्टरों ने देशभर के लाखों करोड़ों नौजवानों को एक्टर बनने का सपना देकर भरमाया फिर रही सही कसर SRK ने ये कह कर पूरी कर दी कि अगर शिद्दत से किसी को चाहो तो सारी कायनात उसे आपसे मिलाने को साजिश में जुट जाती है। इसी साजिश का नतीजा है ये बेतहाशा भीड़ और भाड़ा, कोलीवाड़ा का। जिस कमरे की औकात 5000 रु महीने की नही, इस भीड़ की वजह से वो 12 हजार रुपये महीना मिलता है। पूरी कमाई भाड़े में घुस जाएगी तो आदमी खायेगा क्या, वड़ापाव!!!

इस साजिश में सिर्फ ये खास लोग शामिल नहीं है, इसमे इनके माँ-बाप, यार-दोस्त, चाचा, ताऊ, मामू भी बराबरी के हिस्सेदार हैं। बच्चा जरा सा गोरा क्या हुआ ये लोग उसे अंग्रेज समझने लगते हैं। भले ही उसकी नाक पकोड़ा हो और आंखे एक दूसरे को तिरछी रेखा में काटती हों लेकिन ये लोग तुरंत उसकी तुलना हीरो हेरोइन से कर बैठते हैं। अब ऐसा बच्चा जिसे बचपन से ही स्टारडम की लत लग गयी हो उसका मन भला स्कूल की बासी किताबों में लगेगा?? उसका मन तो अभिषेक, जैकी, कुमार गौरव, लव, मिमोह, आर्य, ईशा, उदय, अध्यन, तुषार, फरदीन, हरमन की तरह स्टारडम के पीछे ही भागेगा। सोते जागते जब उसे यही सुनने को मिले भाई तू अभी तक मुम्बई नहीं गया!! तो क्या वो अपने गांव में बैठ लिट्टी चोखा खायेगा??? उसका मन तो किसी अवार्ड सेरेमनी में गूंज रही तालियों की गड़गड़ाहट में अटका होगा।

बंबई आते ही सबसे पहले ये लोग एक्टिंग सीखने के लिए जिम जॉइन करते हैं। सालों साल लगातार एक्टिंग सीखने के दौरान माँ बाप की मोटी सेलरी कब पेंशन में बदल जाती है, लोखंडवाला की चमचमाती लेन्स से भागकर ये कब कोलीवाड़ा की बदबू मारती गलियों में पहुच जाते है, ज़िन्दगी कैसे सड़ा-गला मिस्सल बन जाती है इन्हें पता ही नहीं चलता। इनमे से कई आजीवन ब्रम्हचारी रह कर त्याग की भावना से ओतप्रोत रहते हैं। कई बहुत सारे रिलेशन और डिवोर्स के बाद बलिदानी की भूमिका में अदा करते हैं। फिर एक ऐसा वक़्त आता है जब ये घर के रहते है ना घाट के, तब ना शरीर साथ देता है ना मुखड़ा। तब इनमें एक अलग तरह का आत्मज्ञान जाग्रत होता है जो दबी कुचली आवाज़ में कहता है कि तू इस पके बाल और झुर्रीदार थोबड़े को किस मुह से अपने यार-दोस्तो, चाचा, ताऊ, मामू को दिखायेगा। पूरी लाइफ के स्ट्रगल के बाद यहीं हमारा हीरो हार मान जाता है। वो निराशा के समंदर में डुबकियां लगाते हुए डब्बू अंकल जैसे VDV स्टार से जलने लगता है। उसके मन मे इस उभरते हुए स्टार के लिए बुरी भावनाएं पनपती है जिन्हें वो रोकने में नाकामयाब रहता है, फिर वो सार्वजनिक तौर पर VDV स्टार्स का विरोध शुरू कर देता है।

ऐसे ही एक्टरों के एक दल ने बीते जमाने के उस हीरो के साथ अपने यूनियन की शरण ली है जिसके डांस की कॉपी कर डब्बू अंकल VDV स्टार बने हैं। इस हीरो का कहना है कि उसे भी डब्बू अंकल की पॉपुलैरिटी और कमाई में से कुछ हिस्सा मिलना चाहिए क्योंकि ओरिजिनल वो है, डब्बू उसका डुप्लीकेट। अब इन नामुरादों को कौन समझाए की ओरिजिनल/डुप्लीकेट कुछ नहीं होता। होती बस एक चीज़ है - एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट और सिर्फ एंटरटेनमेंट।

VDV स्टार अमर रहे। डब्बू अंकल अमर रहें!!!!

|© Chinmay Sankrat |


डब्बू अंकल और वायरल डांस वीडियो (VDV)

डब्बू अंकल और वायरल डांस वीडियो (VDV)

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डब्बू अंकल को विदिशा नगर निगम का ब्रांड एंबेसडर बनाने की घोषणा के बाद से पूरे देश के अंकल, आंटी, बुजुर्ग, युवा, किशोर और दुधमुहे बच्चे तक वायरल डांस वीडियो (VDV) बनाने की होड़ में लग गये है। सभी अपने वीडियोज़ को वायरल करने के लिये सोशल मीडिया पर तरह-तरह की तिकड़में लगा रहे हैं। कुछ अपने दोस्तों से वीडियो शेयर करने की मिन्नते कर रहे हैं। कुछ ने तो group admins को पार्टी दे दी है। तो कुछ लोग फुरसतियो के data pack मुफ्त मे रिचार्ज करवा रहे हैं। कई जगह trollers को paytm और बैंक transfer से पैसे देने की बात सामने आई है।

जिनके शेयर 10 हजार हो गऐ है वो अपने शहर के नगर निगम के बाहर तंबू गाड़ कर बैठ गये है और अपना मोहक dance दिखा रहे हैं। dancers की माँग है कि इनका डांस वीडियो वायरल हो गया है इसलिए इन्हे भी डब्बू अंकल की तरह ब्रांड एंबेसडर बनाया जाये। वरना ये लोग ऐसे ही ऊल - जलूल VDV बना कर अपने messages से social media को block कर देगे ।

इनके जानलेवा VDV को जनता ने हाथो- हाथ लिया है। फुटपाथ पर नयी फिल्मो की पायरेटेड डीवीडी की जगह में VDV की ओरिजिनल डीवीडी बिक रही है। टीवी पर अब news की जगह ये VDV प्रसारित हो रहे है। जनता मे इनका इतना जबरदस्त प्रभाव है कि लोग अपने काम-धन्धे छोड इन्हे देख और शेयर कर रहे हैं। factory, offices और shops बन्द है।

कश्मीर मे भी VDV का जबरदस्त असर देखने को मिल रहा है। पिछले 4 दिनों से पत्थरबाज़ी बन्द है। पत्थरबाज़ समूह चौराहों पर शांति के साथ VDV देख रहे हैं। सैनिक उनके सामने मुस्कुराते हुये बेफिक्री से घूम रहे हैं। ऐसा लगता है जो काम पिछले 70 सालों मे सरकार नहीं कर पायी उसे VDV ने कर दिया है। यहाँ भाई-चारा और शांति स्थापित हो गयी है।

सीमा पार से गोलियों की जगह VDV की बौछार की जा रही है जिससे कई नागरिकों की मानसिक स्थिती बिगड़ गई है। अमेरिका आयातित VDV गोले दाग कर इस हमले का मुहतोड जवाब दिया जा रहा है।

वहीं टेलीफोन ऑपरेटरों का डेटा सूखने के कगार पर है। ऑपरेटरों का एक समूह डेटा की किल्लत देखते हुये इसे पडोसी देशो से आयात करने पर विचार कर रहा है, इसके लिए सरकार से आयात शुल्क कम करने को कहा गया है। वही राष्ट्रवादी पार्टी का कहना है कि मोबाइल डाटा किसी भी हालत मे चीन और पाकिस्तान से ना आयात किया जाये । दुश्मनो का डेटा उपयोग करने से मोबाइल हैंग हो सकते हैं जिससे VDV देखने मे पब्लिक को परेशानियों का सामना करना पड सकता है।

पता चला है कि पूरे देश भर में पब्लिक बडी संख्या मे डेटा लेने के लिए सडको पर उतर चुकी है। लोग VDV देखने / बनाने / शेयर करने को मौलिक अधिकार का दर्जा दिया जाने की माँग कर रहे हैं। कई जगह पुलिस ने आँसू गैस के गोले छोडे है, जिससे लोगों को VDV देखने मे तकलीफ हो रही है। भारत / पाक मैच के बाद ये पहला मौका है जब शहरों मे कर्फ्यू जैसा हालात बने है। पेट्रोल पंप खाली पडे है और दिल्ली मे प्रदूषण का स्तर 90% तक काम हो गया है। सीएम और पीएम खुली हवा मे अब चैेन की सांस ले पा रहे हैं।

प्रदूषण मुक्त राजधानी के एक बडे पब्लिक स्कूल ने मोटी फीस पर एक VDV कोर्स लॉन्च किया है। स्कूल प्रबंधन का कहना है की इस कोर्स को करने के बाद बच्चे बहुत अच्छे VDV बना लोकप्रिय हो सकते हैं। ये भविष्य की ओर सुनहरा कदम है। इस कोर्स मे प्रवेश के लिए स्कूल के बाहर सुबह 4 बजे से ही parents की लाइन लग गई है। कुछ parents ने खुद को भी प्रवेश दिये जाने की माँग की है। स्कूल मैनेजमेंट ने इनकी माँगो पर ध्यान देते हुये एक रात्रिकालीन VDV क्रैश कोर्स शुरु किया है। इसमेे न उम्र की सीमा होगी, न जन्म का बंधन होगा। अटेंशन का भूखा हर बंदा VDV बना पॉपुलर होगा।

वही अंदोलन मे बैठें किसान भी अब दूध सब्जियां फेंकने की बाजाय VDV बना रहे हैं। उनका कहना है कि डब्बू अंकल के नृत्य वीडियो ने उनके आंदोलन को फीका कर दिया है। हम फल, सब्ज़ियां और दूध फेंक कर बर्बाद नही होना चाहते। जैसे गाँधी जी ने सत्याग्रह का मार्ग दिखाया था वैसे ही आज डब्बू अंकल ने हमें डांस का मार्ग दिखाया है। हमारे बीच बहुत अच्छे dancers हैं। अब हम भी VDV बना कर मीडिया और सरकार का ध्यान अपनी ओर खीचेंगे। भले ही सरकार हमारी मांगे ना माने लेकिन हमें कुछ शहरों का ब्रांड एंबेसडर बना दे। इससे पिछले आंदोलनों में मारे गए हमारे किसान भाइयों की आत्मा को शांति मिलेगी और देश का पेट जो पहले दूध, फल, अनाज और सब्जियों से भरता था अब VDV देख कर भर जायेगा। ना हमें खेत में मेहनत करनी पडेगी, ना हमारे ऊपर कर्जा होगा, ना बैंक हमसे लोन वसूली करेगे, ना ही फिर कोई किसान आत्ममहत्या करेगा और ना ही आंदोलन होंगे।

किसानो के इस बदले व्यवहार से सरकार बहुत खुश है। आज डब्बू अंकल के डांस वीडियो ने उन्हे एक बहुत बडी मुसीबत से निकाल कर वर्ल्ड बैंक की थर्ड वर्ल्ड विरोधी नीतियों को चुपके से लागू करने का नया मार्ग दिखाया है। सरकार ने घोषणा की है कि डब्बू अंकल के इस महान कार्य के लिये उन्हें भारत रत्न दिया जायेगा और मरने बाद उनकी समाधि राजघाट मे गांधी जी के बगल मे बनायी जायेगी।

VDV अमर रहे !!!

© Chinmay Sankrat
         चिन्मय सांकृत