शनिवार, 3 अप्रैल 2010

वह फासलों से...


वह फासलों से प्यार करती है।
मेरी बेबसी का अहसास करती है।

रात कि ख़ामोशी छिपाए आगोश में,
धूप-छाँव-बादल-बरखा से बात करती है।

वह फासलों से...

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