मसीहा मेरी मौत पर कलाम लिखना
बेखौफ जिंदगियों को सलाम लिखना
कुछ छूट गया है उस बंद गली मे
मिल जाए कही तो ईमान लिखना
बुलबुलों मे बंद रहे ख्याल मेरे
तुम गर लिखना तो बेबाक लिखना
मात नही तो शह भी नही
तुम मेरे नाम बस मात लिखना
चन्द रोज़ बाद चाँद डूब जाएगा
किनारे की रेत पर मेरा नाम लिखना
चिन्मय
२६/०१/08
1 टिप्पणी:
मात नही तो शह भी नही
तुम मेरे नाम बस मात लिखना
बहुत खूब...........
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